भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अगले महीने से 4 टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली जाएगी। ऑस्ट्रेलिया की टीम 2017 के बाद पहली बार टेस्ट मैच खेलने भारत आ रही है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल को देखते हुए भी यह सीरीज काफी अहम है।
इस सीरीज से पहले स्प्लिट कोचिंग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस फॉर्मूले को लेकर ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व खिलाड़ी ने बड़ा बयान दिया है।
अपनाया जाएगा स्प्लिट कोचिंग का फॉर्मूला
इंग्लैंड की टीम ने टेस्ट और व्हाइट बॉल फॉर्मेट में अलग-अलग कोच रखे हैं, इस फॉर्मूले से इंग्लैंड के खेल में काफी सुधार भी हुआ है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर स्टीव ओ’कीफ का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को भी सभी फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच रखने चाहिए।
उन्होंने इसका कारण भी बताया है। आपको बता दें कि इस समय एंड्रयू मैकडोनाल्ड ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच हैं। जस्टिन लैंगर की जगह उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को दी अहम सलाह
स्टीव ओ’कीफ ने हाल ही में एसईएन रेडियो से कहा, ‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड का तरीका अपनाना टीम के लिए कारगर होगा। टीम के कोच पर यात्रा करने का बहुत दबाव है, वे साल में कभी-कभी 300 दिन घर से दूर रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया को आने वाले समय में भारत और इंग्लैंड जैसी टीमों का सामना करना है। यह काफी दबाव वाला टूर्नामेंट है। मुझे लगता है कि टी20, वनडे और टेस्ट के लिए कोचों का पूल बनाकर इस बोझ को कम किया जा सकता है।