रवींद्र जडेजा ने पिछले 48 घंटों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। ऑस्ट्रेलिया को 177 रनों पर ऑल आउट करने में जडेजा की भूमिका अहम रही थी। उन्होंने पांच विकेट लिए। इनमें मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ जैसे बल्लेबाज अहम हैं।
गेंद से कहर बरपाने के बाद जडेजा ने बल्ले से भी कमाल किया और अर्धशतक जमाया। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने अपनी पहली पारी में सात विकेट पर 321 रन बना लिए हैं और ऑस्ट्रेलिया पर अब तक 144 रन की बढ़त बना ली है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने जडेजा के खिलाफ रची साजिश
हालाँकि, जडेजा ने सिर्फ अपने प्रदर्शन से अधिक के लिए सुर्खियाँ बटोरीं। दरअसल, पहले दिन जब जडेजा गेंदबाजी कर रहे थे तो उन्होंने मोहम्मद सिराज के हाथ से मलहम लिया और अपनी घूमती हुई उंगली पर लगाया।
इस पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए बॉल टेम्परिंग का आरोप लगाया था। हालांकि इस मामले पर बीसीसीआई ने कहा था कि जडेजा की उंगली में चोट लग गई है और वे मरहम लगा रहे हैं।
जडेजा मामले को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने गलत तरीका से पेश किया
रेफरी ने कप्तान रोहित और जडेजा से की थी बात
रिपोर्ट्स के मुताबिक मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और गेंदबाज जडेजा से बात की और उन्हें वायरल वीडियो दिखाया। रोहित और भारतीय टीम प्रबंधन ने कहा कि यह दर्द निवारक क्रीम थी।
जिसे जडेजा ने अपनी उंगलियों पर लगाया था। मैच रेफरी ने जडेजा और टीम इंडिया पर चार्ज नहीं लगाया। इस घटना के बारे में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन से कोई आधिकारिक शिकायत नहीं की गई थी।
हालांकि, मैच रेफरी शिकायत दर्ज किए बिना ऐसी घटनाओं की स्वतंत्र रूप से जांच कर सकता है। अब इस विवाद में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क भी कूद पड़े हैं।
क्लार्क ने मामले पर क्या कहा?
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि जडेजा को मरहम लगाते समय गेंद अंपायर को देनी चाहिए थी। क्लार्क ने कहा- वह इतनी गेंदबाजी कर रहे थे कि शायद उनकी उंगली में छाले या कट लग गए हों।
जडेजा को वहां क्या करना चाहिए था कि उन्हें गेंद अंपायर को देनी चाहिए थी और अंपायर के सामने खड़े होकर मरहम लगाना चाहिए था। क्लार्क ने कहा- मैं इसे गंभीरता से नहीं ले रहा हूं कि कुछ हुआ है। मैं बस यही चाहता हूं कि गेंद उनके हाथ में न हो।
अगर उन्होंने अंपायर की ओर गेंद फेंकी होती और ऐसा किया होता तो मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई टिप्पणी की जाती। यह सिर्फ एक धारणा है। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ है। मैं 100% गलत हो सकता हूं।
खेल की परिस्थितियों में। एक क्रिकेटर को अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर कुछ भी लगाने से पहले अंपायर को सूचित करने की आवश्यकता होती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके।
कि यह गेंद की स्थिति को प्रभावित न करे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने भी इस मामले पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा था- जब मैंने पहली बार देखा तो चीजें ठीक नहीं लग रही थीं।