भारत के अगले तेंदुलकर 16 महीने तक अपनी बारी का इंतजार, करते हैं वीरेंद्र सहवाग जैसी विस्फोटक बल्लेबाजी

भारत में क्रिकेट को धर्म माना जाता है। यहां लगभग हर तीसरा बच्चा क्रिकेट खेलता है, लेकिन इनमें से कुछ ही खिलाड़ियों को भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है। भारत में धर्म के साथ-साथ राजनीति भी होती है, जिससे कुछ खिलाड़ियों का करियर खत्म हो जाता है।

आज के इस लेख में हम एक ऐसे ही ओपनर के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्हें टीम का अगला सचिन तेंदुलकर माना जा रहा था, लेकिन आज उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया है।

पृथ्वी शॉ को कहा जाता था सचिन और सहवाग का मिश्रण

पृथ्वी शॉ का जन्म ठाणे, मुंबई में हुआ था। वह तीन साल की छोटी उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं। पृथ्वी शॉ सबसे कम उम्र में दलीप ट्रॉफी में शतक लगाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा। पृथ्वी शॉ ने हैरिस शील्ड मैच खेलते हुए 330 गेंदों में 556 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया।

पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में पदार्पण पर शतक बनाया। इसके बाद उनकी तुलना भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से होने लगी।

डेब्यू मैच ही बन गया अंतिम मैच

पृथ्वी शॉ को घरेलू क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन का इनाम मिला। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम में चुना गया और उन्होंने 25 जुलाई 2021 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। पृथ्वी शॉ ने अब तक भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और एक टी20 मैच खेला है।

पृथ्वी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को महसूस नहीं कर पाए और जल्द ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। पृथ्वी शॉ ने आखिरी टेस्ट मैच साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था, जबकि 2021 में वह आखिरी बार वनडे मैच में नजर आए थे।

घरेलू क्रिकेट में बरपा रहे हैं कहर

टीम इंडिया से बाहर जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन अभी तक उन्हें टीम इंडिया में वापसी का मौका नहीं मिला है। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शतक भी लगाया था। क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर की क्लास और वीरेंद्र सहवाग की आक्रामकता से लदे पृथ्वी शॉ पिछले 16 महीने से अपनी वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

निराश हैं पृथ्वी शाॅ

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी पर पृथ्वी शॉ ने कहा,

‘मैं निराश हो गया था। मैं रन बना रहा हूं, कड़ी मेहनत कर रहा हूं लेकिन मौके नहीं मिल रहे। लेकिन यह ठीक है। जब वे [राष्ट्रीय चयनकर्ता] महसूस करेंगे कि मैं तैयार हूं, तो वे मुझे खिलाएंगे। मुझे जो भी अवसर मिलेंगे, चाहे वह भारत ‘ए’ या अन्य टीमों के लिए हों, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूं और अपना फिटनेस स्तर बनाए रखूं।

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