क्या आप एक ऐसे क्रिकेटर की कहानी जानना चाहेंगे जिसने गरीबी और कठिनाइयों से लड़ते हुए खुद को एक विश्व स्तरीय ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया है? आज हम आपको वेस्टइंडीज के रोमारियो शेफर्ड की सफलता की गाथा बताएंगे, जिन्होंने अपने बल्लेबाजी और गेंदबाजी के दम पर पूरी दुनिया में नाम कमाया है।
संघर्ष और बचपन
रोमारियो शेफर्ड का जन्म गयाना के एक छोटे से गांव बराकारा में हुआ था। उनका बचपन बेहद गरीब परिवार में बीता, जहां उनके और उनके दोस्त शमार जोसेफ के पास स्कूल जाने के लिए जूते तक नहीं थे। शेफर्ड ने बताया कि उनके गांव के 99% बच्चे नंगे पांव ही स्कूल जाया करते थे। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में पलने वाले शेफर्ड ने कभी हिम्मत नहीं हारी और क्रिकेट में अपना करियर बनाने का संकल्प लिया।
आइपीएल की टीम
आज रोमारियो शेफर्ड वेस्टइंडीज की राष्ट्रीय टीम और दुनिया भर की टी20 लीगों में नियमित रूप से खेलते हैं। आगामी आइपीएल 2024 में वह मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा होंगे और अपने पहले वेस्टइंडीज कप्तान किरोन पोलार्ड के साथ फिर से जुड़ेंगे। शेफर्ड को इस बात की बेहद खुशी है कि वह फिर से पोलार्ड के नेतृत्व में खेलेंगे, क्योंकि पोलार्ड ही उन्हें वेस्टइंडीज टीम में खेलने का मौका दिया था।
शक्तिशाली बल्लेबाजी
शेफर्ड बल्लेबाजी करते समय अपनी शक्तिशाली हिटिंग और छक्के लगाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। वह मानते हैं कि जब वह क्रीज पर होते हैं तो यह उनकी ताकत बनाम गेंदबाज की ताकत का मुकाबला होता है। शेफर्ड ने कहा, “मैं अपनी प्रक्रिया पर भरोसा करता हूं। चाहे कोई भी गेंदबाज हो, मैं खुद को उसके खिलाफ रोप को पार करने में सक्षम मानता हूं क्योंकि मैं अपनी ताकत को जानता हूं।”
विविधता लाने की कोशिश
गेंदबाजी में भी शेफर्ड विविधता लाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने ड्वेन ब्रावो से सीखा है कि धीमी गेंदों को हवा में उछालना जरूरी है ताकि बल्लेबाज को परेशानी हो। शेफर्ड ने हाल ही में ग्लेन मैक्सवेल और शाकिब अल हसन को अपनी धीमी गेंदों से आउट किया था, जिसकी खूब तारीफ हुई।
अब रोमारियो शेफर्ड दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में शुमार हैं। गरीब परिवार से निकलकर उन्होंने संघर्षों से लड़ते हुए अपना लक्ष्य हासिल किया है। उनकी यह सफलता गाथा न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्किक आगामी पीढ़ियों के लिए एक मिसाल भी है।