वर्ल्डकप 2023 में अपनी शानदार गेंदबाजी से धूम मचाने वाले मोहम्मद शमी के करियर की शुरुआत आसान नहीं रही थी। मोहम्मद शमी को इस मुकाम तक पहुंचने में उनके पिता तौसीफ अली का बड़ा योगदान मिला। बताना चाहते की मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली तेज गेंदबाजी का शौक रखते थे।
घर परिवार के बीच में दब गया
लेकिन आपको बताना चाहते कि मोहम्मद शमी के पिता का हुनर घर परिवार की जिम्मेदारियों के बीच में दब गया था। लेकिन आपको बताना चाहते कि तौसीफ अली ने अपने शौक की चमक अपने बेटे मोहम्मद शमी के अंदर देखी थी।
बताना चाहते कि जब मोहम्मद शमी 15 साल के थे उनके पिता उनके गेंदबाजी से प्रभावित होकर उनको मुरादाबाद के एक क्रिकेट कोच के पास ले गए थे। वहा पर मोहम्मद शमी के कोच उनकी तेज गेंदबाजी देखकर काफी ज्यादा हैरान रह गए थे।
कोलकाता चले गए थे
उत्तर प्रदेश में जन्म लेने के बावजूद मोहम्मद शमी को अपने प्रदेश की अंडर -19 टीम में चयन नहीं हो सका था। उसके बाद मोहम्मद शमी कोच की सलाह पर कोलकाता चले गए थे। उसके बाद उन्होंने वहां पर डलहौजी क्रिकेट क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया।
इस दौरान बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिन देवव्रत उनकी गेंदबाजी से प्रभावित हो गए थे। उसके बाद उन्होंने मोहम्मद शमी को मोहन बागान क्लब भेज दिया था। लेकिन इसके बाद में भारत के पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा।
रणजी टीम में जगह बनाई
इसके बाद में मोहम्मद शमी ने बंगाल की रणजी टीम में जगह बनाई। इसके बाद में मोहम्मद शमी ने भारतीय टीम के लिए 6 जनवरी 2013 को पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू खेला। मोहम्मद शमी ने अब तक साल 2015 और 2019 का विश्व कप खेला। इसके अलावा वह 2023 के वर्ल्ड कप में खेल रहे।