कप्तान रोहित ने भारतीय पिचों का समर्थन किआ, कहा कि पिच में कोई खराबी नहीं है

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है। सीरीज के पहले तीन मैचों का नतीजा तीन दिन के अंदर आ गया। ऐसे में कई दिग्गज और फैंस ने भी भारतीय पिचों की आलोचना की है।

लेकिन इस बीच भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी भारतीय पिचों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि मैचों के नतीजे सामने आ रहे हैं। यह पिच की गलती नहीं है, बल्लेबाजों को ऐसी पिचों पर रन बनाने का तरीका खोजना होता है।

रोहित शर्मा ने भारत में स्पिनरों की अनुकूल पिचों की वकालत करते हुए कहा है कि ऐसी पिचें टीम की ताकत होती हैं और संघर्षरत बल्लेबाजों को इस पर भरोसा करना चाहिए। रन बनाने का तरीका खोजना होगा।

आपको बता दें कि इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेले गए टेस्ट मैच में तीसरे दिन के पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 9 विकेट से जीत लिया. हार के बाद रोहित ने कहा कि नौ मार्च से अहमदाबाद में होने वाला आखिरी टेस्ट मैच भी स्पिनरों की मददगार पिचों पर खेलना चाहेंगे।

रोहित की दलील थी कि उनकी टीम ने ऐसी पिचों पर लगातार 15 सीरीज जीती हैं। कप्तान रोहित ने कहा, ‘हम आमतौर पर सीरीज से पहले तय करते हैं कि हम किस तरह की पिचों पर खेलना चाहेंगे।

ऐसी पिचों पर खेलना हमारा फैसला था। मुझे नहीं लगता कि हम बल्लेबाजों पर दबाव बना रहे हैं। जब हम जीतते हैं तो सब कुछ अच्छा लगता है। हमसे हमारी बल्लेबाजी के बारे में नहीं पूछा जाता।

भारतीय टीम चुनौती के लिए तैयार है

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जब हम हारते हैं तो इसके बारे में बात की जाती है। हमने इन पिचों पर खेलने का फैसला किया है और हम जानते हैं कि हमें चुनौती दी जा सकती है, लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं। सच कहूं तो पिच को लेकर काफी बातें हो रही हैं।

जब हम भारत में खेलते हैं तो फोकस सिर्फ पिच पर होता है। मुझे नहीं लगता कि यह जरूरी है। इससे पहले नागपुर और दिल्ली की पिच ने भी खूब ध्यान खींचा था। लेकिन इंदौर की पिच पर खेल की शुरुआत से ही गेंद काफी टर्न ले रही थी।

दिलीप वेंगसरकर, मैथ्यू हेडन और मार्क वॉ उन पूर्व क्रिकेटरों में से थे जिन्होंने कहा था कि पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं थी, लगातार तीसरी बार मैच तीन दिनों के भीतर समाप्त हो गया। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पूर्व क्रिकेटर ऐसी पिचों पर खेले हैं।

हम ऐसी पिचों पर खेलना चाहते हैं। यह हमारी ताकत है। इसलिए जब आप घर पर खेल रहे होते हैं तो आप हमेशा अपनी ताकत से खेलते हैं और इस बात की चिंता नहीं करते कि लोग क्या बात कर रहे हैं।

हर टीम घरेलू पिचों का फायदा उठाती है

रोहित ने कहा, ‘हमारी ताकत स्पिन गेंदबाजी और बल्लेबाजी की गहराई है। जब हम विदेश यात्रा करते हैं तो दूसरी टीमें अपने घरेलू हालात का फायदा उठाती हैं। पूर्व खिलाड़ियों ने भी तर्क दिया है कि टेस्ट मैच पांच दिनों तक नहीं चलना खेल के लिए अच्छा नहीं है।

भारत के बाहर भी मैच 5 दिन नहीं चलते। दक्षिण अफ्रीका में कल तीन दिनों में खेल समाप्त हो गया। यह कौशल के बारे में है। लोगों को कौशल के अनुकूल होना होगा। अगर पिच से गेंदबाजों को मदद मिल रही है तो बल्लेबाजों को अपना हुनर दिखाना होगा।

Leave a Comment