भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस समय तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जा रही है। पहले मैच में न्यूजीलैंड ने 21 रन से जीत दर्ज की थी। वहीं, टीम इंडिया ने पलटवार करते हुए दूसरा मैच छह विकेट से जीत लिया।
अब टी20 सीरीज का फैसला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होना है, जहां 1 फरवरी को सीरीज का तीसरा टी20 मैच खेला जाना है। देखा जाए तो इस टी20 सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों की पुरानी खामी फिर उभर कर सामने आई है।
कीवी स्पिनर्स के सामने भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. खासकर ईशान किशन, शुभमन गिल, राहुल त्रिपाठी जैसे भारतीय खिलाड़ियों को कीवी स्पिनर्स ने काफी परेशान किया है।
पहले टी20 मैच में मिचेल सैंटनर, ईश सोढ़ी और माइकल ब्रेसवेल ने खुलकर रन नहीं बनने दिए और विकेट भी चटकाए। दूसरे टी20 मैच में भी यही स्थिति रही और तीनों ने कसी हुई गेंदबाजी की, जिसके चलते भारत 100 रन के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा।
करीब 20 ओवर किए। अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने न्यूजीलैंड के स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के कारणों का विश्लेषण किया ह।
वसीम जाफर ने कहा कि आधुनिक क्रिकेट में बल्लेबाज परेशानी से निकलने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण उन्हें स्पिन गेंदबाजी से जूझना पड़ता है।
बल्लेबाज अटैकिंग क्रिकेट खेलना चाहते हैं: जाफर
वसीम जाफर ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, ‘आजकल बल्लेबाज आमतौर पर गेंदबाजों पर आक्रमण करके समस्या से निकलने का रास्ता खोज लेते हैं। हमारे समय में ऐसा नहीं था, उस समय आपको इसकी ट्रेनिंग दी जाती थी या पूरा स्पेल बजाने को कहा जाता था।
सीम की स्थिति में भी आजकल बल्लेबाज आक्रामक क्रिकेट खेलकर गेंदबाज को आक्रमण से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं।
फील्डर के लॉन्ग ऑन या लॉन्ग ऑफ बाउंड्री लाइन पर होने के बाद वह छक्के मारने से नहीं हिचकिचाते। टी20 ने उनके क्रिकेट को बदल कर रख दिया है, शायद इसी वजह से बल्लेबाज स्पिनरों को ठीक से नहीं खेल पाते हैं।
स्पिन को नहीं खेल पाना चिंता का विषय: जाफर
विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ मौकों पर लेग स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष किया है। इस बारे में जाफर बताते हैं, ‘हमारे समय में हमें पूरा स्पेल खेलने को कहा जाता था, लेकिन टी20 आपको ऐसा करने की इजाजत नहीं देता।
यहां तक कि भारतीय बल्लेबाज भी मेरे जमाने के खिलाड़ियों की तरह स्पिन नहीं खेलते। यह निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। तेज गेंदबाजी पर ज्यादा फोकस होता है और घरेलू सर्किट में भी आपको ज्यादा स्पिन खेलने का मौका नहीं मिलता।