भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया है कि प्रबंधन राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी नॉकआउट मैचों में खेलते देखना चाहेगा। द्रविड़ ने हालांकि कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की तैयारियों को देखते हुए फैसला करना मुश्किल होगा।
रणजी ट्रॉफी का क्वार्टर फाइनल 31 जनवरी से शुरू होगा, जबकि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 9 फरवरी से शुरू होगी। हालांकि, टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम एक हफ्ते तक चलने वाले तैयारी कैंप में हिस्सा लेगी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल द्रविड़ से पूछा गया कि क्या भारतीय टेस्ट खिलाड़ियों के रणजी ट्रॉफी नॉकआउट में खेलने की कोई संभावना है। इस पर द्रविड़ ने जवाब दिया, “अगर संभावना हो तो हम चाहेंगे कि हमारे खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी मैच खेलें।
में हिस्सा लें लेकिन यह हमारे लिए मुश्किल है। क्वार्टर फाइनल 31 से हैं और यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की तैयारी का भी समय है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर कोई और मौका आता है जहां कोई हमारी टीम में नहीं खेल रहा है।
सेमीफाइनल या फाइनल में उसकी जरूरत है तो हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे।’ 12 फरवरी के बीच और फाइनल 16-20 फरवरी के बीच खेला जाएगा। आपको बता दें कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले ही वनडे सीरीज जीत चुकी है और अब उसके पास कुछ प्रयोग करने का मौका है।
श्रेयस अय्यर की जगह टीम में शामिल किए गए रजत पाटीदार डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय टीम मंगलवार को रजत पाटीदार के होम ग्राउंड पर मैच खेलेगी। हालांकि, द्रविड़ ने संकेत दिया है कि रजत पाटीदार को अपने मौके का इंतजार करना पड़ सकता है।
द्रविड़ ने कहा, ‘मैं प्लेइंग 11 की घोषणा नहीं कर सकता। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि रजत पाटीदार ने रणजी ट्रॉफी और वनडे क्रिकेट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
ऐसे खिलाड़ी हैं जो पहले से ही टीम के साथ हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिन्हें पिछले दो साल में ज्यादा वनडे खेलने का मौका नहीं मिला। उन्हें पहला मौका दिया जाएगा। अगर किसी को चोट लग जाती है या कोई और परेशानी होती है तो रजत पाटीदार सबसे आगे आते हैं।
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड की सीमित ओवरों की सीरीज के बाद भारतीय टीम को फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट और तीन वनडे भी खेलने हैं।