भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव के साथ 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक यादव को उसके पूर्व मैनेजर और दोस्त ने नागपुर में जमीन दिलाने के नाम पर ठगा था।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उमेश यादव की शिकायत के बाद पुलिस ने नागपुर के शैलेश ठाकरे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
शैलेश ठाकरे कोराडी के रहने वाले हैं और वह उमेश के दोस्त थे। शैलेश को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्राथमिकी के हवाले से पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमेश यादव ने अपने बेरोजगार दोस्त शैलेश ठाकुर का भारतीय टीम में चयन होने के बाद 15 जुलाई 2015 को मैनेजर नियुक्त किया।
ठाकरे ने समय के साथ उमेश का विश्वास जीत लिया। शैलेश तेज गेंदबाज के बैंक खाते और इनकम टैक्स सहित पैसों से जुड़े काम देखने लगे। पुलिस ने बताया कि उमेश यादव नागपुर में जमीन खरीदना चाहता था और उसने शैलेश को इसकी जानकारी दी।
ठाकरे एक बंजर इलाके में एक भूखंड देखता है और उमेश को बताता है कि यह 44 लाख रुपये में उपलब्ध होगा। उमेश यादव ने ठाकरे के खाते में पैसे जमा कराए। लेकिन ठाकरे ने यह प्लॉट अपने नाम कर लिया।
इस फर्जीवाड़े के बारे में जब उमेश यादव को पता चला तो उन्होंने शैलेश ठाकरे से पैसे वापस करने को कहा।जवाब में शैलेश ने ऐसा करने से मना कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि शैलेश ने भारतीय क्रिकेटर को पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने कहा, ‘तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कोराडी में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है।