VIDEO: कैसे बची ऋषभ पंत की जान, दो मसीहो ने बचाई जान, पहुंचाया अस्पताल

आज सुबह भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की एक भयानक कार दुर्घटना हुई, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। बताया गया कि उसके सिर से लेकर पीठ और शरीर के कई अन्य हिस्सों में गहरी चोटें आई हैं।

लेकिन गनीमत रही कि उसकी जान बच गई। क्योंकि हादसे के बाद कार में आग लग गई। अगर वह समय से पहले गाड़ी से बाहर नहीं आया होता तो उसकी जान को खतरा हो सकता था। खैर, अब इस हादसे के कई वीडियो और वहां मौजूद लोगों के तमाम बयान सामने आ चुके हैं, जिसमें यह पता चला है कि उनके साथ यह हादसा कैसे हुआ।

दरअसल, इस हादसे में उनकी जान बचाई जा सकती थी। इसमें एक बस चालक की अहम भूमिका रही। उस बस चालक का नाम सुशील है। सुशील ही वह शख्स है जो हादसे के बाद सबसे पहले उसके पास पहुंचा। और 112 पर कॉल कर घटना की जानकारी दी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आज ऋषभ पंत न्यू ईयर के मौके पर अपनी मां को सरप्राइज देना चाहते थे. इसके लिए वह अपनी मर्सिडीज कार से दिल्ली से रुड़की आ रहा था। पंत ने खुद बताया कि वह कार खुद चला रहे थे। फिर उसे हल्की नींद का आभास हुआ। जिसके बाद ये दर्दनाक हादसा हो गया।

BUS ड्राईवर बना मसीहा:-

दरअसल, जब ऋषभ पंत की कार डिवाइडर से टकराई तो हरियाणा रोडवेज की एक बस उनका पीछा कर रही थी। उस बस के ड्राइवर ने ऋषभ पंत की मदद की थी।

बस चालक सुशील ने बताया, मैं हरिद्वार से आ रहा था। जैसे ही हम नारसन के पास पहुंचे, उससे करीब 200 मीटर पहले, मैंने देखा कि एक कार दिल्ली की तरफ से आ रही है और डिवाइड से टकरा गई।

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तभी मेरी गाड़ी भी करीब 50-60 मीटर की दूरी पर थी। मैंने सोचा कि अब बस भी टकराएगी। फिर मैंने किसी तरह कार को सर्विस लाइन से हटाकर फ़र्स्ट लाइन में लगाया, और किसी तरह बस को रोक कर तुरंत उसके पास गया।

तभी मैंने उस शख्स (ऋषभ पंत) को कार के पास लेटे देखा। हमने उसे उठाया और कार से दूर ले गए। उससे पूछा कि गाड़ी में और कोई है क्या? उसने कुछ कहा नहीं।

मैं क्रिकेट के बारे में नहीं जानता, लेकिन उन्होंने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं। हमने उसे अपनी चादर दी और अस्पताल भेजा। वहीं, बताया गया कि ऋषभ पंत को दो युवकों ने पास के अस्पताल में भर्ती कराया। इनमें से एक पास के शकरपुर गांव का रहने वाला है। वह आज सुबह पास के उत्तम चीनी मिल में काम करने जा रहा था।

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